Hot Posts

header ads

कितना मासूम हो सकता है कोई /LOVE Hindi Poetry

अक्सर लोग बहक जाते है और नजाने क्या कह और कर जाते है फिर बाद मै उन्हें लगता है कुछ ज्यादा है भावना मैं बेह गया और फिर वो जितनी ही जल्दी हो उतनी ही जल्दी अपना हाथ पीछे खीच लेता है तब तक सामने वाला इंसान बहोत सारे ख्वाब सजा लेता है फिर वो सामने वाला इंसान कुछ इस तरीके के ख्वाब सजाता है





कितना मासूम हो सकता है कोई
kitna masoom ho skta hai koi

ना चाहते हुए भी
naa chahte hui bhi

किसी का हो सकता है कोई
kisi ka ho sakta hai koi

यू तो बहुत सी ख्वाहिश
yu to bahut si khawaish

रहती है दिल में पर
rahti hai dil main par

तेरी ख्वाहिश
teri khawish

कोई कर सकता है क्या
koi kar sakta hai kya

तेरे नजरो के है कायल
tere nazaro ke hai kayal

तेरी नजरो से कोई बच सकता है क्या
teri nazaro se koi bach skata hai kya

तुम्हे करीब रखकर
tumhe karib rakhkar

तुम में खो जाऊ
tum me doob jau

डूब जाऊ ऐसे के
doob jau ase ke

फिर ना उभर पाउ
phir naa ubhar pau
मरते होगे ज़माने में आशिक
marte hoge yaar jamane me ashiq

एक में हु की तुम पर मरना चाहू
ek me hu ki tum par marna chahu

तुम दूर होकर भी
tum dur ho kar bhi

मेरे लिए बहुत खास हो
mere liye khash ho
ऐसा मेरे सिवा
aesa mere siva

कोई कह सकता है क्या
koi keh sakta hai kya

तुमसे बेहतर कहीं होंगे जमाने में
tumse behatar kahi hoge jamane main
न जाने कितने चेहरे हसीन होगे
naa jane kitane chehare hasin hoge

तुमसे बेहतर कोई लग सकता है क्या
tumse behatr koi lag skta hai kya

Radhe... 

Post a Comment

0 Comments