मेरा दर्द मेरा गवा है
मेने तुम से कितनी वफा की है
तुम्हे एक उम्र लग जायेगी
ये समज ते हुए
अगर फिर भी ना जान पाओं
तो मोहब्बत कैसी
तुम मिले मुझ से ये चाहत कैसी
तमाम उम्रभर साथ रहने के वादे जूठे
वो प्यार भरी बाते जूठी
और हम पागल तुम पे जान वारे
अपनी वफ़ा हारे
ना नफा देखा ना नुकशान
आँखे मिचे चल पड़े तेरे पीछे
खुद को माशूक और तुम्हे मुर्शिद बना बैठे हम
इंतज़ार के सागर में डूबे
कश्ती को किनारा ना मिला
हमें तुम्हारा सहारा ना मिला
आजभी दिल मै जगा खाली है
तु आ ये ना आये ये तेरी मर्जी है
राह तक ना तेरी ये फ़ेसला मेरा है
तुजे पाना खाव्ब है मेरा
ये ख्वाब अधुरा है मेरा
ख्वाब अधुरा ही सही
इश्क मुक्मबल है मेरा
Radhe...
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