प्रिये को केहते :
घूम लो सारा जमाना
हम सा मिले तो बताना
तुम पर जान वारे तो बताना
सुनो प्रिये;
पा लिया है तुम सा
है अब और भी कोई जो
हमारा ख्याल हम से भी ज्यादा रखता है
खुद की ख़ुशी से पहले मेरी ख़ुशी के बारे में सोचता है
इत्तर की तरह मेहकता है
घर के हर कोने को मेहफिल की तरह सजाता है
फूलो का गुलशन है
वो सुबह की धूप की किरण है
वो बेहते हुई नदी का नीर है
खुबशुरत ठलती शाम हो तुम
और क्या बताऊ तुम्हे
प्रिये मेरी ज़िन्दगी है अब वो
Radhe...
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