तुम्हे सोचना से फुरसद कहा
खुद को देखू ऐसा हाल कहा
में तुमसे खफा होकर भी हो ना सका
ये दिल इतना मजबूर है किसी और का हो ना सका
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वेसे तो सब्र मुझ में बहुत है पर मोहब्बत में
सब्र कर लू ये हो ही नही सकता
एक चहरे पर कई नकाब होते है
कई रिश्ते इसी तरह बर्बात होते है
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मुझे क्या पता तुम्हारे धडकनों का मेरा दिल तो
आज भी तुम्हारे नाम से धडक उठता है
Radhe...
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