मुझे तलाश है तुम्हारी कही तो आ मिलो
जैसे नदिया मिले सागर से तुम मिलो वेसे मुझे
कैसे बताऊ जो ख्वाब देखे तेरे साथ
अरे छोडो यार जब तुम्ही नही
तो ख्वाब का क्या करना
मेरे Phoneमें उसका नाम हसरत से Save है
और हसरते कहा पूरी होती है
दफ्तर से घर आने में वक़्त लगता है
हर रोज मुज पे ये इल्जाम लगता है
में छोड़ दू दफ्तर जाना
पर महीने का खर्चा भी बहोत लगता है
मैंने रातो को अक्सर जागकर देखा है
कसम से राते लम्बी और सुबह देर से होती है
Radhe...
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