बर्बदिया ढूढ़ ही लेती हैं सही पता
देर होती है तो सिर्फ एक गलतफेमिकी
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यु वजाहते ना दे तेरे जाने की
छोड़ दे या मार दे
छोड़ के जानेवाले कब मूडकर
अगर देखते तो कहा छोड़कर जा पाते
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तुम्हारी काया [शरीर] की खुशबू
मनो इत्र है मेरा
हर रोज इस से मै मेहेकू
यही है हसरत है मेरी
तुम्हे चाहना मुझे महंगा पड़ा
ये दिल का लगाना मुझे आग लगा
दिल जलता है या जिस्म
इस में अब कोई फर्क ना रहा
Radhe...
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