बिना हादसे के कोन सिख पता है जिना
अब वापिस नहीं लॉट सकता
तुम्हारे इश्क मे रास्ता भटक चुका हु मे
यकीन है मुजे जल्दी खत्म होगा ये फसला
नयन नक्श का यु इतराना
तुमसे ही है ये दिल का धड़कना
ओर क्या होगा इश्क करके दुनिया
ओर अपनों का गुनेगार तो बन ही चुका हु
अब क्या फर्क पड़ता है
चाहे फासी चड़ादे
बे-खोफ सा जी रहा था मे
एक आंधी आई ओर
मेरी रूह को जनजोड़ कर चली गई
अब तक मे उस खोफ से उभर ना पाया
तुम्हें छोड़ तो मे खुद का ना रहुगा
अपनों को छोड़ा तो जी ना पाउगी
मोहब्बत ओर मोत मे फर्क नहीं लगता मुजे
दोनों को पाकर बेहद सकुन मिलता है
तुम मानो ना मानो
तुम आज भी पछताते हो मुजे छोड़ कर
खेर छोड़ो ये बीती बाते
ये बताओ ख्यालतों रखती हेना तुम्हारा
हर किसी मे तुम दिखते हो मुजे
दुनिया पागल कहती है अब मुजे
पीछा क्यू नहीं छोड़ती तुम्हारी यादे
जीते जी मार रही है तुम्हारी यादे मुजे
- Radhe
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