Sad Poetry in Hindi


कहानी तुम हो



क्यू ना मे भी खुद को आजमा लू 

जमी को छोड़ के आसमान मे खो जाऊ 

ढूढता रहे तू हर शहर मुजसे मिलने को 

मे तुजे ऊपर से बेठ कर निहारता राहू  

ना रहे निशान मेरे कदमों के 

ना एहसास मिले 

इस कादर हवा मे घुल जाऊ 

मंद मंद हवा मे खुशबू की तराह 

तेरे एर्त-गिर्त बेहती रहू

तू महसूस कर मुजे  छूना सके 

ऐसा सबक बन जाऊ 

लोगों की भीड़ से दूर कही

पानी की तराह बेह जाऊ 

तू पीकर मुजे 

प्यास बुजाये ऐसा ख्याल बन जाऊ 

मे हमेशा तुम्हारे पास राहू 

ये आस मे गले से लगाया है 

तुम बिन मार न जाए 

जाना है मरने के बाद भी   

राह चलते मुलाकात 

ने एक लंबा सफर तेय कर लिया 

तुम्हें छोड़ कर जिंदगी का 

सफर सोचा ना जा रहा  

मे बेठा रहु दहलीज पर तेरी 

इकरार की राह मे 

एक अरसा हो गया तुम्हें देखे 

देख तूजे जी रहा हु  

मे ना देखे लाश हु मे 

साँस हो तुम मेरी कैसे काहू मे 

तेरी साँस किसी ओर मे अटकी 

ये भी जानता हु मे 

लकीर पे यकीन है की तू मेरे 

तेरे दिल मे हु क्या मे 

हर बात पे सवाल होता है 

क्या है मोहब्बत 

मोहब्बत सवाल बन गई है

हर सवाल मे तुम हो 

सवाल के जवाब भी तुम हो 

मेरे जिंदगानी की कहानी तुम हो   

 - Radhe...


 

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