Girl Poetry in Hindi

काश मे लड़कीं ना होती 


काश मे लड़कीं ना होती 

तो आज इतनी मुशीबत ना होती 

पापा कि ओर खानदान की 

इज्जत का बोज मेरे कंधों पे ना होता 

एक लड़के की तराह फेसले 

करने का हक मिलता 

कुछ करने से पहले इतना सोचना ना पड़ता 

रात को लेट आने पर डाट ना पड़ती 

कपड़े पहने से पहले सोचना  पड़ता है 

स्लीवलेस कुर्ते क्यू पहनी है 

लॉन्ग स्लीव का क्यू नहीं पहना 

 पहले पापा या भाई फैसले पर 

ससुराल मे पति के मुताबीत चलना पड़ता है 

फिर मन से आवाज आती है 

अपनी मर्जी से कब जिए गी तू 

एक उम्र के बाद जो सगाई न हुई तो 

लोग बाते बनाने लगते है 

किसी के साथ चक्कर होगा 

लड़के को क्यू नहीं कहा जाता 

शादी के बाद लड़के का अफेर 

होना आम सी बात है 

यही बात अगर लड़की करेतो 

बवाल मचाते है 

बिना जाने उसे किरदार पर 

वेश्या का टेग लगा दिया जाता है 

समाज मे लड़कों के लिए एसा कोई शब्द नहीं 

या फिर समाज लड़की यो को ही 

ऐसे उपनाम देना चाहती है 

लड़के तो घर का चिराग होते है 

उन्हे भला कैसे कुछ कह दे 

काश मे लड़कीं ना होती 

तो आज इतनी मुशीबत ना होती 

काश मे लड़कीं ना होती 

- Radhe...




 



   

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