Chup
तुम चुप से क्यू बेठे हो
जेसे किसी अजनबी संग बैठ हो
अजनबी भी हाल पूछ लेते है
तुम तो अपनों की तराह रूठ कर बेठे हो
जी करता है तुम्हें गले लगा लू
पर ये खुदगरजी लगे गी मेरी
तुम बिन तो क्या होगा
ना दिन होगा ना रात कटेगी
तो ये जिंदगी कैसे कटेगी
तोड़ो ये चुपी ओर
कहो कुछ अल्फाज दिल के
अब ना रहो तुम यु अजनबी
करते है प्यार तुम से
करते है इकरार आज
तुम चुप से क्यू बेठे हो
जेसे किसी अजनबी संग बैठ हो
कुछ अल्फाज तुम कहो
कुछ मेरे सुनो
तुम ही हो मेरे मित
जो है अब मेरे लबों का गीत
शायर तो नहीं हु मे
तुम्हें देखकर शायरो से मिजाज हो गए है मेरे
ये बताता हु मे आज तुम्हें
तुम क्या हो मेरे लिए
खुदा का दिया तोफा हो तुम
मेरा धड़कता दिल हो तुम
तुम चुप से क्यू बेठे हो
जेसे किसी अजनबी संग बैठ हो
Radhe...
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