LOVE Poetry in Hindi

क्यू ना करू 




क्यू ना करू मे इंतजार उसका 

वो अपना है गेर नहीं  

क्यू ना देखू मे ख्वाब उसके 

वो चाहत है मेरी बेवफा तो नहीं 

क्यू ना करू मे इश्क उसे 

वो मेरा मुक़दार है ना मुराद तो नहीं 

क्यू ना कहू मे उसे अपना 

वो मेरा आज है गुजरा हुवा कल तो नहीं 

क्यू ना मागू दुवा उसे मिलने की 

वो मेरी ख्वाईश है कुर्बानी तो नहीं 

यु ही रहे साथ हमारा 

ये दो चार दिन की तो बात नहीं 

रूह से रूह का तालुक है

चंद मुलाकातों की मोहताज नहीं 

मंजूर है मुजे इंतजार सदियो का

ये मेरे सब्र का इम्तहान ही सही 

तेरी मोहब्बत को पाना जन्नत है मेरी  

मेरी मोहब्बत कोई आम सी नहीं 

ना मिल कर भी तेरी आरज़ू रहती है 

मिलना कोई आम नहीं 

हम मिले ना मिले ये खुद जाने 

तूजे दुवा ओ मे मांगना इबादत है मेरी 

तूजे ना चाहने की वजा नहीं मेरी पास 

तूजे चाहने को एक जनम है मेरे पास 

Radhe...


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