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Sad Poetry in Hindi

इतनी सी तो बात है 




 इतनी सी तो बात है 

अब कोई बात नहीं 

अब तू साथ  नहीं 

अब तू अपना नहीं 

बीते बातों को भूलना ही तो है 

बस इतनी सी तो बात है 

अब रातों को निद नहीं आती 

दिन मे चैन की सास नहीं लेता 

आंखे तुम्हें देखने को तरसती है 

बस इतनी सी तो बात है 

सुबह उदास 

ओर शाम एकेली

ना कुछ पाने की ख्वाईश 

ना खोने का डर 

बस इतनी सी तो बात है 

ओर क्या बताऊ की तुम्हारे बिना केसा हु मे 

जलती आग सा हु 

बिन बारिश के जमीन सा हु 

ओर क्या बताऊ की तुम्हारे बिना केसा हु मे 

बस इतनी सी तो बात है 

की अब पहले जैसा नहीं हु मे 

खुद को  अकेला पाता हु मे 

तेरे बिना जींद लाश हु मे 

ओर क्या बताऊ की तुम्हारे बिना केसा हु मे 

बस इतनी सी तो बात है 

इसे ज्यादा ओर क्या कहू मे 

की तेरे बिना कैसा हु मे  

Radhe...




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