कुछ बाते एसी होती है जो हमारे बस मे नहीं होती
बस हो जाती है
मे चाहती हु ये मोहब्बत अब खत्म हो जाए
क्योंकि मे खुद को खो रही हु
अक्सर मे तुम्हारा इंतजार करती हु
कभी तूम भी राह तको मेरी
यु ही किसी से बात करते करते
क्षणभर मे लगाव हो जाता है
ये मन भी कितना बावरा है
तुम्हें पहली बार देखा था तब पता नहीं था की
तूम मेरी जीवन का अंश बन जाओगे
सोच था बात होगी ना मुलाकात होगी
बात कम ओर मुलाकात ज्यादा हुई
मे तेरे आगे सासे हार चुकी हु
एसा ना हो की जान भी हार जाऊ
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