न जाने कितने घरों के चिराग
को बुजाएगी ये मोहब्बत
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मोहब्बत मे जो दर्द मिलता है
वो क्या मोत से कम होता है
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तोबा है ऐसी मोहब्बत से
जो दुनिया तबाह कर दे आपकी
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इतने दिन बात करने के बाद पूछा
क्या नाम है तुम्हारा
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बड़े लापरवाह हो गए हो तुम
आज कल तुम्हारी याद का मारा हु
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वफ़ा करते करते कब इश्क बेवफा
हो जाता है पता ही नहीं चलता
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जिंदगी के खेल मे हम भी बेहतरीन खेल रहे थे
कमबख्त इश्क से पाला ना पड़ा होता
Radhe...
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