कैसा प्यार है
रुलाता है हसता है
पागल बनता है
बर्बाद करता है
इज्ज़त को दाव पर लगाता है
मोहब्बत में इज्जत कहा होती है
मिलती है जलिलियता
रुसवाई बदुवाये जिल्लत से भरी कडवी बाते
फिर भी हर इंसान इस प्यार की तलाश करता
उसमे तडप ने के लिए
एक ऐहसास को तरस
मिले तो भी बदल देता है
ना मिले तो भी बदल देता है
कैसा है इश्क बेखबर बेहया
फिर भी प्यार तो ऐसा ही होता है
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