Hindi Shayari

बेताब आखों को दरिया मिले 



बेताब आखों को दरिया मिले 

तूम मिलों तो जीने का जरिया मिले 


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प्यार के सागर मे प्यार की लहरे है 

मेरे रग रग मे बसी तेरी ही फिक्र है 


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इबादत रब की करते है सब 

मे तो तुजे ही रब बनाए बेठी हु  


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अब इबादत करू या दुवा करू 

सब तुम्हारे हक मे करू  


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रहती हो खुद मे ही खोई हुई कभी 

बात करो तो हमे भी तुम्हारा पता मेले 


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नैनो की खाता है तुम्हें देखकर 

किसी ओर को ना देखा 


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चाहता हु काही ओर दिल लगालू मे मेरे जमीर ने 

तेरे अलावा किसी ओर से इश्क की इजाजत ना दी 

Radhe...



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