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Sad Poetry in hindi


हमेशा सफर मे ही रहे गई  



आज मे तन्हा हु 

कल तूम भी तन्हा होंगे 

देखो ये वक्त ओर 

क्या सितम ढाता है 

तूम भी अजियत मे होंगे 

ओर सायद मे भी काही 

पर इसका आजला ना तूम भर पाओगे ना मे 

इतनी दूरी हो चुकी होगी की मूड ने की 

कोई राह ना बची होगी 

तूम भी दरबदर भटकोगे ओर मे भी 

सुकून ना पाएगे काही

तुम्हें छोड़कर न मे मेरा रहा 

तूम को भूलकर ना किसी ओर का ना हो पाउगा 

दो गज की दूरी ने सदियों के फासले तेय करने को

 मजबूर कर दिया 

आज फिर ये दुनिया भूलकर मे सिर्फ 

तेरी होना चाहती हु 

हा है अभी मुजे तुमसे मोहब्बत ओर तुम्हें भी 

फर्क इतना है की ये कहानी कभी 

अपने मुकाम पे नहीं हो गई

हमेशा सफर मे ही रहे गई  

Radhe...

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