ये कैसा प्यार है ना ही मिलना है
ये कैसा प्यार है
ना ही मिलना है ना हीं बिछड़ना
ना ही इन्कार है
ना ही इजहार है
बस ऐसे ही दर्द का रोना है
और जिल्लते सहना है
ना ही दुवा ऐ है
ना ही बदुवा ऐ है
हजारो दिल के टुकड़ो की
चुभन को सहना है
यू ही इंतज़ार में आसुओ का सुख जना है
ना ही हाथ थाम सकते है
ना ही हाथ छोड़ सकते है
यही बदगुमानी में
हर पल जीना पड़ता है
तुजे पा लेना भी गम है
तुजे ना पाना भी गम है
बस एसी कश्मकश में जिए जा रहा हु
तुजे आवाज भी दू तो तू सुन ना सके
एस कदर तू मुझे भुला चूका है
Radhe...
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