LOVE Poetry in Hindi

में हो तुम हो अपनी बसाईं एक दुनिया हो



कहू में तुमे बीती बाते 

तो आज का वर्त्तमान भूल जाओगे

छेडू जो पुराने तराने तो

आज का तुम तरंग भूल जाओगे 

चाहू तुमे तो 

हर किसी की मोहब्बत भूल जाओग

असे ही चली रात सुहानी तो

तूम सुबह की ख्वाइश भूल जाओ 

बीते रैना बीती बाते पीछे छोड़े 

जाने कितने वादे

आके यू भूल न जाओ 

जो बीती थी साथ राते 

बीती जो तुम पे थी 

बीती जो हम पे थी

मिटाए चलो आज दुरी

वो रास्ते वो हवाए महेसुस करे फिर से सारी  

बिखरी जुल्फों से खुश्बू बिखरे 

खेले हम आँख में चोली

बे-पाक सी मोहब्बत मेरी 

बे-दाग सा दामन तेरा 

रंगों से भारू आ दमन में तेरा

बे-दाग सा अच्छा है तू 

अपने रंग में  रंग के बना लू अपना

ना कोई रस्मो रिवाज हो ना ही

कोई मर्यादा हो 

में हो तुम हो 

अपनी बसाईं एक दुनिया हो

Radhe...


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