में हो तुम हो अपनी बसाईं एक दुनिया हो
कहू में तुमे बीती बाते
तो आज का वर्त्तमान भूल जाओगे
छेडू जो पुराने तराने तो
आज का तुम तरंग भूल जाओगे
चाहू तुमे तो
हर किसी की मोहब्बत भूल जाओग
असे ही चली रात सुहानी तो
तूम सुबह की ख्वाइश भूल जाओ
बीते रैना बीती बाते पीछे छोड़े
जाने कितने वादे
आके यू भूल न जाओ
जो बीती थी साथ राते
बीती जो तुम पे थी
बीती जो हम पे थी
मिटाए चलो आज दुरी
वो रास्ते वो हवाए महेसुस करे फिर से सारी
बिखरी जुल्फों से खुश्बू बिखरे
खेले हम आँख में चोली
बे-पाक सी मोहब्बत मेरी
बे-दाग सा दामन तेरा
रंगों से भारू आ दमन में तेरा
बे-दाग सा अच्छा है तू
अपने रंग में रंग के बना लू अपना
ना कोई रस्मो रिवाज हो ना ही
कोई मर्यादा हो
में हो तुम हो
अपनी बसाईं एक दुनिया हो
Radhe...
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