love poetry in hindi

में तेरे लिए तो आया हु 


ठंडी में धुप जेसे हो तुम 

बारिश की बूंदों की तरह बरसे हो तुम

भीगकर खिल उठे तू 

जेसे कलि खिले फुल बनजाये 

महेक उठे खुशबु से तुम्हारी घर मेरा 

पवन की तरह कर कोने को महेकाए जिस्म का इतर 

अंतर ना रख अब मुझसे

इतना अंतर तेय कर के आया हु 

और दूर ना रख मुजको 

में तेरे लिए तो आया हु 

बिखरी तेरी जुल्फों से खेलु 

बहो में तेरी बहो को परोलू 

आये जो बिछड़ ने का वक़्त 

में तुजे अपनी पलकों पे रखलू

नीद नही आखो में पलकों पे

तेरा साया है तू कभी 

देख तेरे प्यार का कितना मारा हु 

पागल आशिक की तराह 

बेताब हु करता हु 

तेरा इंतजार में इसी लिए तो 

शहेर छोड़कर आया हु खेर

शहेर छोड़ ने की और भी कही 

वजा थी मेरे पास उनसभी वजा में एहम 

थी तेरी वजा मेरे पास 

आखो से ओज़ल है तू 

दिल से दूर नही 

उस दिन धड़कन भी दूर हो जयेगी

जिस दिन तू दिल से दूर हुई 

ये बात सच है 

तेरे बिना जीना नही आया मुझे 

बेहाल बिखरा हुवा  हु तेरे बिना 

जेसे जिस्म में जान की कमी सी हो गई है

Radhe...

 

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