LOVE Poetry in Hindi

तेरे इश्क मे बेखबर हो चले अब हम बर्बाद हो चले 


 इश्क जेसे पानी  की धार 

जतनी तेज होती है 

बर्बादी उतनी ही ज्यादा 

तेरे इश्क मे बेखबर हो चले 

अब हम बर्बाद हो चले 

सवाल हो तो सुलजा भी दु 

ये  इश्क का धागा सुलजाऊ केसे 

बेताब आखे तन्हा बाहे 

तलाशे  तूजे 

खुदा को ढूढे जोगी दरबदर 

एतर की तराह महकता है 

तू जसे कोई  कस्तूरी महेके 

मे बिखरा जेसे चारों दिशा मे 

तू जाए चाहे सेकड़ों दूर मुजसे 

फिर के तूजे आना तो है  मेरे पास है 

Radhe...


 

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