तेरे इश्क मे बेखबर हो चले अब हम बर्बाद हो चले
इश्क जेसे पानी की धार
जतनी तेज होती है
बर्बादी उतनी ही ज्यादा
तेरे इश्क मे बेखबर हो चले
अब हम बर्बाद हो चले
सवाल हो तो सुलजा भी दु
ये इश्क का धागा सुलजाऊ केसे
बेताब आखे तन्हा बाहे
तलाशे तूजे
खुदा को ढूढे जोगी दरबदर
एतर की तराह महकता है
तू जसे कोई कस्तूरी महेके
मे बिखरा जेसे चारों दिशा मे
तू जाए चाहे सेकड़ों दूर मुजसे
फिर के तूजे आना तो है मेरे पास है
Radhe...
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