LOVE Poetry in Hindi

करते है इश्क तुमसे कोई गुना तो नही 


हा करते है इश्क तुमसे 
कोई गुना तो नही 
चाहे ना तो कोई तू हमें ये तेरा कसूर तो नही 
क्या खेल है ये किस्मत का 
तू कही और है किसी के बहो में 
में यहाँ तन्हा तेरी याद में 
आ  जब रात तो हवाई ये ये बतलाती है
तू नही मेरा किसी गेर की बहो में सोया है 
बहे बहो में है है फ़र्कइतना है 
तू और से लिपटी है 
में लिपटा तन्हाई से हु 
खुदा करे तेरी हर आरजू पूरी हो 
एक ख्वाईश है 
वो एक आरजू तेरी मेरी हो 
तेरी बहो में तेरी जुल्फों के तले
तेरी हर बात में बते मेरी हो 
दिन रात की कोई खबर न हो 
तेरी बहो में मेरी मौत हो 
तेरी ख्वाईश में 
इतनी सी ख्वाईश मेरी हो 
Radhe...

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