राधे कृष्णा
राधे कृष्णा प्रेम कहानी
ना आधी ना पूरी
मिलन की आश मे
यमुना तट रह निहारे राधा बेठी
सुबह हो शाम ढले
असे कई बरस बीते
मोहन तेरी राह
तके नयन आसू सूखे मेरे
कमलनयन की आस मे
आवे ना चैन व्रजधाम मे
तरसे कान सुने मोरली की धुन कोई
मोरलीधर बिना सूदबुद खोई
जोगन बनी राधा रानी
राधे राधे जपते दिन से रात होवे
मथुरा मे काना राधे नाम जपे
राधा से नाता तोड़
रुक्मणी संग नाता जोड़ा
तब भी नाम काना के संग
राधे का जुड़ा
राधे कृष्णा नाम जपे
आज भी जग सारा
सबसे अनोखा प्यार है इनका
जग से निराला नाम है इनका
Radhe...
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