Short Poetry in Hindi

           
जिल सा रहता है तु



मेरी आँखो मे यु जिल सा रहता है तु
यु तो चाहत थी मेरी कि तु साथ रहे
पर ये मुनकीन ना हो सका ...
चाहते थे आप भी मुझे...शायद
ये मेरे दिल का भ्रम था...
चलो खेर जाने दो ..
कोइ गिला नहीं.. पर
आज भी मेरी आँखो मे जिल सा रेहता है तु..
पता नहीं क्यु आपको तु कहना
अच्छा नहीं लगता.... पर
ये भी ना जाने आपके लिये मान
है मेरा या कोइ ओर वाजाह
पता नहीं क्यु कोइ कुछ... बोलता तो
चिड़ जाती थी मे...
शायद ये दिल को गवारा ना था..
 मेरी आँखो मे जिल सा रेहता है तु.... 

                                                                  Radhe...
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